शुक्र गृह के विभिन राशियों पर प्रभाव

इन ९ गृहों का १२ राशि पर काफी ज्यादा प्रभाव पड़ता है तथा ग्रहों के चाल और निवास स्थल के अनुसार अनेक प्रकार के लाभदायक और हानिकारक फल मनुष्य के जीवन में आते रहते है आइये जाने शुक्र गृह का इन १२ राशियों पर क्या प्रभाव पड़ता है 

१.मेष राशि पर :-

यदि जन्म कुंडली में शुक्र मेष राशि में स्थित हो,तो जातक आवेशपूर्ण स्वभाव वाला, स्वप्न जगत में जीने वाला,स्थिर मन वाला, दु:खी, बुद्धिमान, आरामतलब, अनैतिक चरित्र वाला और अधिक खर्च करने वाला होता है।

मेष राशि के अंदर शुक्र गृह रात्रि का जातक अल्पदृष्ठि वाला ,ईर्ष्यालु ,अविश्वाशी ,चोर ,नीच विरोध में तत्पर अशांत प्रकृति का होता है शुक्र प्रेम का गोचक होने के कारण स्त्री के प्रेमसम्बन्ध में जाने वाला होता है

२.वृष राशि पर :- 

यदि जन्म कुंडली में शुक्र वृषभ राशि में स्थित हो,तो जातक सुंदर, सुगठित शरीर वाला,ढृढ़,स्वतंत्र विचार, काम क्रिड़ा करने में आतुर,शौकीन तबीयत, आलसी, संगीत-नृत्य तथा अन्य कलाओं में रूचि रखने वाला होता है।

वृष राशि का स्वामी शुक्र होने के कारण जातक कृषक ,गंध-माल्या-वस्त्र युक्त ,दाता ,आज्ञाकारी,सुन्दर ,धनि सबका हित चाहने वाला ,अनके विधियों के ज्ञाता ,गुणकारी व परोपकारी होते है

३.मिथुन राशि पर :-

यदि जन्म कुंडली में शुक्र मिथुन राशि में स्थित हो,तो जातक धनवान,उदार,सम्मानित,कुशाग्र बुद्धि वाला, विद्वान और परस्त्रियों में रुचि रखने वाला होता है।

मिथुन राशि में शुक्र का होना जातक को विज्ञान-कला शास्त्र का ज्ञाता कृतज्ञ प्रसिध्द ,सुन्दर कार्मी .चतुरता से बोलने वाला ,प्रमी ,सज्जन ,गीत-संगीत से धन प्राप्त करने वाला ,कवि ,लेखक स्थिर मैत्री देव-ब्राह्राण भक्त वाला होता है

४.कर्क राशि पर :- 

यदि जन्म कुंडली में शुक्र कर्क राशि में स्थित हो,तो जातक आवेशपूर्ण कार्य करने वाला, डरपोक, एक से अधिक विवाह करने वाला,दु:खी और प्रचुर संतान वाला होता है

कर्क राशि में शुक्र का होना व्यक्ति को पंडित बली रतिधर्मरत मृदु प्रधान इच्छित सुख व धन प्राप्त करनेवाला सुन्दर डरपोक रोग से पीड़ित अधिक स्त्रिसंग व माघपान करने वाला तथा अपने किसी वंश दोष के कारण दुखी होता है 

५.सिंह राशि पर :-

यदि जन्म कुंडली में शुक्र सिंह राशि में स्थित हो,तो जातक स्त्रियों के द्वारा धन प्राप्त करने वाला, कामुक, दु:खी, आवेशपूर्ण,जल्दबाज, अपने को दूसरों से ऊंचा समझने वाला और शत्रुओं को पराजित करने वाला होता है। 

सिंह में शुक्र हो तो व्यक्ति स्त्री सेवी अल्प पुत्र वाला सुख-धन-आनंद से युक्त ,बन्धु प्रेमी परोपकारी अधिक चिन्ताओ से रहित गुरु-द्रिज -आचार्य की सम्मति मानने वाला होता है

६.कन्या राशि पर :-

जन्म कुंडली में शुक्र कन्या राशि में स्थित हो,तो जातक दु:खी, कामुक, अवैध संबंध रखने वाला, अधिक बातें करने वाला, धनवान, विद्वान और अनैतिक चरित्र वाला होता हैं।

कन्या राशि में शुक्र का होना व्यक्ति को अल्प चिंता वाला बनता है तथा परोकारी मृदु निपुण क्लाकुशन स्त्री से बहुत ही मीठा बोलने वाला तीर्थ व सभा में पंडित्व गुण वाला होता है 

७.तुला राशि पर :-

यदि जन्म कुंडली में शुक्र तुला राशि में स्थित हो,तो जातक कुशाग्र बुद्धि वाला, उदार, दार्शनिक, सुंदर, सुखी विवाहित जीवन वाला,कामुक,अभिमानी,सम्मानित, अच्छा अंतर्ज्ञान वाला, बौद्धिक कार्यों में रुचि रखने वाला, दूर-दूर तक की यात्रा करने वाला,वरिष्ठ नेता,सन्तुलित स्वभाव वाला,कविता और उपन्यास लिखने में रुचि रखने वाला होता है।

तुला राशि का स्वामी शुक्र होता है तथा तुला में शुक्र का होना व्यक्ति को परिश्रम से धन को पैदा करने वाला अपनी रक्षा करने में निपुण ,शुर ,पुष्प-सुगंध-वस्त्र प्रेमी,विदेश में यात्रा करने वाला होता है दानी शोभनीय सौभाग्यवान ,देव व दिव्ज की अर्चना से कीर्तिवान होता है 

८.वृश्चिक राशि पर :-

यदि जन्म कुंडली में शुक्र वृश्चिक राशि में स्थित हो,तो जातक झगड़ालू, स्वतंत्र विचारधारा धारा वाला, अन्यायी, अपने अवैध संबंधों के लिए बदनाम, धनहीन और अत्यंत कामुक होता है।

वृश्चिक में शुक्र होतो व्यक्ति अधर्मी ,बकवास करने वाला ,विदेध्षी ,नृशंस ,भाईयो से विरक्त ,अप्रशंसनीय पापी ,हिंसक ,दरिद्र ,नीचता में तत्पर ,गुप्तांग रोगी व शत्रुनाशक होता है

९.धनु राशि पर :-

यदि जन्म कुंडली में शुक्र धनु राशि में स्थित हो, तो जातक धनवान, बलशाली, प्रभावशाली, सम्मानित, सुखी घरेलू जीवन जीने वाला और उच्च पद की प्राप्ति करने वाला होता है।

धनु राशि में शुक्र का होना अच्छा माना जाता है इसमें व्यक्ति उत्तम धर्म-कर्म-धन से युक्त ,जगत प्रिय ,सुन्दर ,कुल में धनि ,विद्वान ,मंत्री ,उंचा शरीर ,चतुर होता है 

१०.मकर राशि पर :-

यदि जन्म कुंडली में शुक्र मकर राशि में स्थित हो,तो जातक नीच जाति की स्त्रियों में रुचि रखने वाला, सिद्धान्तहीन,अनैतिक चरित्र वाला और कमजोर शरीर वाला होता हैं।

मकर राशि में शुक्र हो तो जातक व्यय के भय से संतप्त ,आसक्त ,हर्दय रोगी ,दुर्बल देह ,धन का लोभी ,लोभ वश असत्य बोल कर ठगने वाला ,निपुण ,क्लीव ,दुसरे के धन की इच्छुक ,दुखी ,मूढ़ ,क्लेश सहन करने वाला होता है 

११.कुम्भ राशि पर :-

यदि जन्म कुंडली में शुक्र कुंभ राशि में स्थित हो,तो जातक लोकप्रिय, सुंदर सच्चरित्र, शांतिप्रिय और दूसरों की सहायता करने वाला होता है।

कुम्भ राशि के जातको के लिए शुक्र गृह का होना उद्देग रोग तप्त ,विफल कर्म में संलगन ,परस्त्रीगामी, विधर्मी ,गुरु व पुत्रो से वैर करने वाला ,स्नान-भोग-वस्त्राभूषण से रहित ,व मलिन होता है

१२.मीन राशि पर :- 

यदि जन्म कुंडली में शुक्र मीन राशि में स्थित हो,तो जातक अच्छा और हास-परिहास का स्वभाव वाला,विद्वान, लोकप्रिय, शिष्ट और सभ्य, सम्मानित, आरामतलब और धनी होता है।

मीन में शुक्र हो तो जातक दक्ष ,दानी ,गुणवान ,महाधनि ,शत्रुओ को नीचा दिखने वाला ,लोक में विख्यात बुदिमान ,सज्जनो से सम्मान पाने वाला ,वचन का धनी ,वंशधर व ज्ञानवान कार्य करने वाला होता है